डॉ. Naseeb की आयुर्वेदिक पद्धतियां महिलाओं की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और पत्थरी (स्टोन) की समस्याओं के लिए भी बहुत प्रभावी हो सकती हैं। आयुर्वेद में महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है, जैसे हार्मोनल असंतुलन, पीरियड्स की समस्याएं, प्रजनन स्वास्थ्य, गर्भावस्था के दौरान देखभाल, और स्त्री रोगों का इलाज।
पीरियड्स के दौरान समस्या: आयुर्वेद में अशोक, शतावरी, और गुड़मार जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मासिक धर्म की अनियमितता, दर्द और खून की कमी जैसी समस्याओं के लिए लाभकारी होती हैं।
हार्मोनल असंतुलन: शतावरी, आंवला, और त्रिफला जैसे आयुर्वेदिक उपचार हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह उपचार विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी हैं जिन्हें थायरॉयड, पीसीओडी (PCOD), या मेनोपॉज़ जैसी समस्याएं हैं।
गर्भाशय की समस्याएं: आयुर्वेद में गर्भाशय और उसके आसपास के अंगों की देखभाल के लिए कई प्रकार के हर्बल मिश्रण होते हैं। उदाहरण के तौर पर, अशोक के पेड़ की छाल का अर्क गर्भाशय को मजबूत बनाता है और महिलाओं के शरीर को संतुलित करता है।
पत्थरी की समस्या अक्सर किडनी या पित्ताशय में होती है। आयुर्वेद में इसके लिए कई प्रभावी उपचार हैं, जो पत्थरी को न केवल कम करते हैं बल्कि शरीर को साफ भी करते हैं।
गिलोय और पंचवटी का सेवन: गिलोय एक अद्भुत हर्ब है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी स्टोन को धीरे-धीरे खत्म करने में मदद करता है।
शिलाजीत: यह आयुर्वेद में एक बहुमूल्य रेजिन है, जो शरीर के भीतर कैल्शियम और अन्य खनिजों की संतुलित आपूर्ति करता है, जिससे किडनी में स्टोन बनने की प्रक्रिया रुक सकती है।
पानी में लौंग और धनिया के बीज डालकर उबालना: ये दोनों सामग्रियां किडनी और पित्ताशय की स्टोन को कम करने में मदद करती हैं और दर्द को भी राहत देती हैं।
डॉ. Naseeb इन उपचारों का प्रयोग करके महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए व्यक्तिगत ध्यान और समर्पण से इलाज करते हैं। क्या आप किसी विशेष महिला रोग या पत्थरी की समस्या के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं?